बच्चों को बनाना है होशियार तो दें म्यूजिक एजुकेशन
अपने बच्चों के ग्रेड्स में सुधार लाने के लिए उन्हें अलग-अलग ट्रेनिंग दिलवाने के बजाय केवल म्यूजिक सीखने के लिए भेजें. इससे उनकी याददाश्त, तर्क क्षमता और योजना बनाने की क्षमता बढ़ सकती है और उनका अकादमिक प्रदर्शन बेहतर हो सकता है.
ऩई दिल्ली: अपने बच्चों के ग्रेड्स में सुधार लाने के लिए उन्हें अलग-अलग ट्रेनिंग दिलवाने के बजाय केवल म्यूजिक सीखने के लिए भेजें. इससे उनकी याददाश्त, तर्क क्षमता और योजना बनाने की क्षमता बढ़ सकती है और उनका अकादमिक प्रदर्शन बेहतर हो सकता है. ये हम नहीं कह रहे बल्कि हाल ही में आई रिसर्च के ये साबित हुआ है.
क्या कहती है रिसर्च-
रिसर्च के मुताबिक, अमूमन लोग म्यूजिक को सीखने की कला के बजाय लग्जरी के तौर पर देखते हैं. जबकि म्यूजिक बच्चों की लर्निंग स्किल्स बढ़ा सकता है. इसे एजुकेशन में खासतौर पर शामिल किया जाना चाहिए.
रिसर्च के मुताबिक, अमूमन लोग म्यूजिक को सीखने की कला के बजाय लग्जरी के तौर पर देखते हैं. जबकि म्यूजिक बच्चों की लर्निंग स्किल्स बढ़ा सकता है. इसे एजुकेशन में खासतौर पर शामिल किया जाना चाहिए.
कैसे की गई रिसर्च-शोधकर्ताओं ने डच स्कूलों के 147 बच्चों पर रिसर्च की. रिसर्च में पाय कि जो बच्चे म्यूजिक की क्लास लेते हैं वे अन्य बच्चों की तुलना में अधिक शार्प हैं और उनका प्रदर्शन भी बेहतर है.
ये रिसर्च ‘ फ्रंटियर इन न्यूरोसाइंस’ में प्रकाशित हुई थी.
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