भारत में 2013 से मैटरनल मोर्टेलिटी रेट में रिकार्ड 22 फीसदी की कमी
मातृत्व मृत्यु दर को प्रति 1,00,000 जीवित जन्मों के अनुपात के तौर पर परिभाषित किया जाता है. इसमें कहा गया है कि यह गिरावट 'इंपावर्ड एक्शन ग्रुप' (ईएजी) राज्यों (246 से घटकर 188) में सबसे महत्वपूर्ण है.
नई दिल्ली: भारत में साल 2013 से मातृत्व मृत्यु दर (एमएमआर) रिकार्ड 22 फीसदी की महत्वपूर्ण कमी दर्ज की गई है. यह जानकारी जारी 'सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम' (एसआरएस) बुलेटिन में दी गई. विशेष बुलेटिन के मुताबिक, यह मृत्युदर साल 2011-13 में 167 से घटकर 2014-16 में 130 हो गई.
मातृत्व मृत्यु दर को प्रति 1,00,000 जीवित जन्मों के अनुपात के तौर पर परिभाषित किया जाता है. इसमें कहा गया है कि यह गिरावट 'इंपावर्ड एक्शन ग्रुप' (ईएजी) राज्यों (246 से घटकर 188) में सबसे महत्वपूर्ण है. मातृत्व मृत्यु दर पर विशेष बुलेटिन में कहा गया कि दक्षिणी राज्यों में यह 93 से घटकर 77 और दूसरें राज्यों में 115 से घटकर 93 रह गयी है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक बयान में कहा गया कि एसआरएस बुलेटिन के मुताबिक, 2013 की तुलना में 2016 में प्रसव के समय मां की मुत्यु के मामलों में करीब 12 हजार की कमी आई है. ऐसी स्थिति में माताओं की मृत्यु का कुल आंकड़ा पहली बार घटकर 32 हजार पर आ गया है.
इसका मतलब यह हुआ कि भारत में 2013 की तुलना में अब हर दिन 30 ज्यादा गर्भवती महिलाओं को बचाया जा रहा है.
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